यार –
तुम लड़के .......
क्यों नहीं किसी एक के
हो पाते हो ....
बस –
भवरें की तरह ,
हर फूल पर मंडराते हो .....!
या कुछ यूँ कहूँ ...
जो भी
किसी एक का
ना हो पायेगा ,
जीवन भर उस भूत की तरह
किसी अँधेरे कुएं से
निकलने की आस में
अकेले फड़फड़ायेगा .....
सुकून ना मिल पायेगा ....
सुकून ना मिल पायेगा .....!!!!!!
प्रियंका राठौर