'विचार प्रवाह'
Wednesday, August 15, 2012
लाल....
तज दियो है लाल रंग ,
उजलों ही अब भाए रे ,
धूल धूसर में भी लाग्यो रे चोखा ,
म्याहरे शिव भी उसमे समाये रे ,
सब रंगों का है एक रंग ये ,
उजलों ही अब भाए रे .....
हाँ –
उजलों ही अब भाए रे ......!!!!
[उजलों = सफ़ेद ]
प्रियंका राठौर
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