न होने से
क्या जिन्दगी
रुकी है कभी
वह तो बस
चलती है
चलती जाती है
अपनी मंथर गति से .....
अगर मिल गयी
जिन्दगी की ताल
से चाल
दुनिया मुट्ठी में
अन्यथा -
यूँहीं ढुलके हुए
बेजान लट्टू
की तरह
फिर किसी हाथ
और किसी डोरी
के इंतजार में ......
जिन्दगी तो बस
चलती है
चलती जाती है
अपनी मंथर गति से .......
प्रियंका राठौर