Wednesday, October 13, 2010

तेरा नाम






"लगी पूछने दुनिया मुझसे
आज तेरा ही नाम
क्या बतला दूँ -
कौन हो तुम .....
जब मै ही ना जानूं
मेरे हरि का  नाम !!

मन मंदिर के दीपक तुम !
यशश्वी सूर्य के तेज तुम !
प्रेम तुम और भक्ति भी तुम !

और -
क्या बतला दूँ दुनिया को
की कौन हो तुम ......

क्षण में तुम, कण में तुम !
जीव तुम जगत  भी तुम !
अनंत  तुम तो  सूक्ष्म भी तुम !

और -
क्या बतला दूँ दुनिया को
की कौन हो तुम ......

मुझसे तुम हो , तुमसे मै ,
मै धरा , तो आकाश तुम ,
शिव तुम तो गंगा मै ,
यही तुम हो ,
यही हूँ मै .......

लगी पूछने दुनिया मुझसे
आज तेरा ही नाम
क्या बतला दूँ -
कौन हो तुम........
जब मै ही ना जानूं
मेरे हरि का नाम ...........!!"




प्रियंका राठौर

2 comments:

  1. वाह आपने तो मेरे प्रशन को अपनी कविता में ही ढाल कर लीख दिया पड़कर अच्छा लगा! बहुत ही सरल शब्दों में कविता के माध्यम से आप अपनी बात कह जाती है !

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  2. जब जान जाइयेगा तो हमें भी बतला दीजियेगा की नाम क्या है आखिर ;)
    जोक्स अपार्ट,
    बहोत अच्छी कविता लगी

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