Tuesday, October 12, 2010

जो कह दो तुम...







जो कह दो तुम एक बार !
उड़ चलूँ मै चाँद के पार !!

जो कह दो तुम एक बार !
भर लूँ अपने जीवन में श्रंगार !!

जो कह दो तुम एक बार !
प्रेम ही बन जाये मुक्ताहार !!

जो कह दो तुम एक बार !
नियति की भी हो जाये हार !!

जो कह दो तुम एक बार !
बढ  जाये प्रार्थनाओं  की शक्ति अपार !!

जो कह दो तुम एक बार !
जीवन भी दूँ अपना वार !!

जो कह दो तुम एक बार !
जो कह दो तुम एक बार !!




प्रियंका राठौर

10 comments:

  1. सुंदर और भावपूर्ण कविता...
    भावों का यह क्रम बना रहे यही अभिलाषा है।
    शुभकामनाएं ।

    ReplyDelete
  2. वाह ! बेहद सुन्दर अनुभूति।

    ReplyDelete
  3. कविता का इतना आईडिया नहीं है पर पढ़कर अच्छा लगा
    थैंक्स

    ReplyDelete
  4. bahut hee pyaare aur pyaar se paripoorna kavita...

    ReplyDelete
  5. जो कह दो तुम एक बार ............ कविता पड़कर अच्छा लगा ! लेकिन जिसके कहने भर से इतनी सारी बाते हो जाएँगी वो है कोन ! ........ अच्छा रहने दो

    ReplyDelete
  6. सुंदर प्रस्तुति....

    नवरात्रि की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ ।जय माता दी ।

    ReplyDelete
  7. जो कह दो तुम एक बार !
    जीवन भी दूँ अपना वार !!

    जो कह दो तुम एक बार !
    जो कह दो तुम एक बार !!

    ..बहुत ख़ूबसूरत...ख़ासतौर पर आख़िरी की पंक्तियाँ....मेरा ब्लॉग पर आने और हौसलाअफज़ाई के लिए शुक़्रिया..

    ReplyDelete
  8. बहुत ही सुन्‍दर भाव समेटे अनुपम प्रस्‍तुति ।

    ReplyDelete
  9. जो कह दो तुम एक बार !
    जीवन भी दूँ अपना वार !!
    beautiful lines with devotion and dediction.
    rest is ..........

    ReplyDelete
  10. जो कह दो तुम एक बार !
    जीवन भी दूँ अपना वार !!
    beautiful lines with devotion and dediction.
    rest is ..........

    ReplyDelete