Saturday, September 4, 2010

चिर संघर्षरत मेरा जीवन !!







चिर संघर्षरत मेरा जीवन ,
हर पल कुर्बानी मेरा जीवन !!

कभी हालात से ,
कभी खुद से ,
सामंजस्य स्थापित कर ,
चिर संतोषमय मेरा जीवन !!

फूलों को अंगार में ,
जीवन के व्यापार में ,
बदलते देख ,
चिर चिन्तनमग्न मेरा जीवन !!

शोडित की पुकार ,
क्रंदित का आर्तनाद ,
समाज का वीभत्स रूप ,
चिर समर्पणरत मेरा जीवन !
चिर संघर्षरत मेरा जीवन !!




कर्तव्यों के निर्वहन हेतु  कुछ दिन के अवकाश की प्रार्थिनी हूँ .....
फिर मिलेंगे ....
अलविदा !!



प्रियंका राठौर  

2 comments:

  1. संघर्ष ही जीवन है!
    आभार!
    आशीष
    --
    बैचलर पोहा!!!

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  2. bahut karuna se bhari sacchai hai isme jeevan jeena to bahut kathin hai aur marna aasan hai :)

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