Thursday, September 16, 2010

तेरी ख़ामोशी




तेरी ख़ामोशी -
इस पलछिन में .......
भीगी बूंदों की तरह
कुछ बयाँ  कर जाती है !!

तेरी ख़ामोशी -
गीले से अहसास में
रात की चांदनी की तरह
सिहरन पैदा कर जाती है !!

तेरी ख़ामोशी -
चुभते हुए शूल  संग
फूलों की खुशबु की तरह
दर्द ही दे जाती है !!

तेरी ख़ामोशी -
इस पलछिन में ...........



प्रियंका राठौर

कुछ अनकही अनजानी सी ...








कुछ अनकही
अनजानी सी 
एक नयी राह पर .......

उन पर इल्जाम लगा बैठी !
फूलों के फेरे में
काँटों में ही
खुद को उलझा बैठी !!

कुछ अनकही
अनजानी सी...........

गलती के
इस नये भंवर में
दिल में शूल चुभा बैठी !
दर्द के इस समन्दर में
खुद को ही डूबा बैठी !!

कुछ अनकही
अनजानी सी
एक नयी राह पर ........!!



प्रियंका राठौर

Saturday, September 4, 2010

चिर संघर्षरत मेरा जीवन !!







चिर संघर्षरत मेरा जीवन ,
हर पल कुर्बानी मेरा जीवन !!

कभी हालात से ,
कभी खुद से ,
सामंजस्य स्थापित कर ,
चिर संतोषमय मेरा जीवन !!

फूलों को अंगार में ,
जीवन के व्यापार में ,
बदलते देख ,
चिर चिन्तनमग्न मेरा जीवन !!

शोडित की पुकार ,
क्रंदित का आर्तनाद ,
समाज का वीभत्स रूप ,
चिर समर्पणरत मेरा जीवन !
चिर संघर्षरत मेरा जीवन !!




कर्तव्यों के निर्वहन हेतु  कुछ दिन के अवकाश की प्रार्थिनी हूँ .....
फिर मिलेंगे ....
अलविदा !!



प्रियंका राठौर  

आशा








"स्वयं में समाहित उनकी आशा,
संघर्ष चिरन्तन संघर्ष,
असफलता का द्वार है तोड़ना,
परिश्रम अथक परिश्रम ,
स्वीकार है निर्लिप्त ध्येय भावना,
समर्पण सतत समर्पण,
हाँ --
स्वयं में समाहित उनकी आशा !! "



प्रियंका राठौर


सत सत नमन




आपकी ७वी पुण्यतिथि पर मेरा सत सत नमन ----


प्यार तो कारण है  
उन लम्हों का
जो बीतें है साथ
बचपन में
वो ममता ,वो दुलार
और वो गोदी
तभी -
लम्हों में सिमटा है प्यार
जो कारण है अपनेपन का
भावों का और अहसासों का .........!!




प्रियंका राठौर